प्यार
प्यार
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सोलह पर आयी जवानी
अब धीरे धीरे फिसलने पर है
पर मेरा बचपन अभी भी
मेरी मुट्ठी में बंद है
अभी भी मेरी आंखें बहार
देखकर खिलखिलाती हैं
और धीरे से कुछ गुनगुना
लेता है प्यारा सा मेरा बचपन
अभी भी मेरे पैरों के साथ
दौड़कर कहीं दूर निकल जाता है
और बांहें फैला कर आसमान को
छू लेता है प्यारा सा मेरा बचपन
अभी भी मेरी सपनो की परी के
साथ ख़ुशी से झूम लेता है
और हंसते हंसते खुद ही रो
पड़ता है प्यारा सा मेरा बचपन.