रुको मत !
रुको मत !
ये खटपट वाले रिश्ते भी
जब मौन होते हैं
तो मन को छटपटाहट होती है
जाने क्या हुआ
इनका लड़ना - झगड़ना ही
साबित करता है
ज़िंदगी में बाकी है
अभी बहुत कुछ करना
किसी को मनाना है तो
किसी को सोते से जगाना है !
...
सीधी लाईन होती है न
जब ईसीजी में
तो उसका अर्थ होता है
हम जीवित नहीं है
उतार - चढ़ाव
ये टेढ़े - मेढ़े रास्ते
जिन पर उछल - कूद करते हुए
ज़िंदगी बिंदास होकर
अपना संतुलन बना ही लेती है
तब हम मुस्करा देते हैं
तो रुको मत !
ज़िंदगी और समय के साथ
कदम मिलाते जाओ
उसकी ही ताल में
खुशियां मिलेंगी हर हाल में...।