डर के पीछे जीत भागता
डर के पीछे जीत भागता
डर के आगे जीत भागती
दुनिया ने बतलाया था
डर के पीछे जीत को भागते
आज मैं देख पाया था।
लेने आइसक्रीम वो बिन पैसों के आया था
जीत था उसका नाम
था मज़दूरों में से किसी का
कर रहे थे जो पास के घर में काम।
आइसक्रीम वाले ने मना किया और चल दिया
बच्चे का भी अटल इरादा उसके पीछे-पीछे दौड़ लिया
दूर निकल गये थे वो काफी
ठेला आगे, जीत पीछे।
अचानक आइसक्रीम वाले को डर सा हो गया
ये किसका बच्चा है, कहीं ये खो गया
"घर जाओ बच्चे, खो जाओगे"
पर बच्चे को कहाँ इस सब का होश था
वो तो आइसक्रीम के ख्याल में मदहोश था।
जीत की दृढता काम आई
ठेले में से सबसे सस्ती उसे पकड़ाई
जीत को जीत उसकी ज़िद ने दिलाई थी
मुफ्त में नही उसने भी बच्चे की मुस्कान कमाई थी।
देख के डर के पीछे जीत को भागते
हास्य मेरे मन में उठ आया था
डर के आगे जीत है सबने यह बतलाया था
आज डर के पीछे जीत ने भी खूब कमाल कर दिखाया था।