मयखाना न होता
मयखाना न होता
ये साकी न होती,
ये पैमाना न होता।
ऐ खुदा काश जहाँ में
मयखाना न होता ।।
उनका प्यार ही बस
इबादत होती मेरी।
मुझे ओर किसी भी
दर पे जाना न होता ।।
ये साकी न होती,
ये पैमाना न होता।
ऐ खुदा काश जहाँ में
मयखाना न होता ।।
उनका प्यार ही बस
इबादत होती मेरी।
मुझे ओर किसी भी
दर पे जाना न होता ।।