Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Hasmukh Amathalal

Comedy

2  

Hasmukh Amathalal

Comedy

सहेलियां कहती है

सहेलियां कहती है

1 min
1.6K


मिली है जिंदगी जिनके लिए

हम आहें भरते थे जिनके लिए

आज सुनहरा दिन लग रहा

मेरा जिस्म पूरा अलग से दिख रहा।

 

कभी नहीं सोचा था

अभी अभी ही आंसू पोछा था

मन  उधेड़बुन में था कि अब क्या करें?

किसको पूछे और किसको कहें।

 

विश्वास नहीं हो रहा

ओर बिन बादल बारिश पर भरोसा!

हरगिज़ नहीं कर सकती

फिर भी जीने को कैसे मना कर सकती?

 

मिल ही गयी है तो इनकार नहीं

जीऊंगी तो भी सरोकार नहीं

आ जाते हैं बार बार सामने यहीं

मजबूर कर देते हैं कुछ कहने यहीं।

 

कोशिश करुँगी दिल को मनाने को

हाँ भी कर दूंगी आने को

पर ज्यादती मत करना सब के बीच

मैं नहीं आउंगी समंदर के बीच बिना सोच

 

कोई नहीं पूछता ये है प्यास कैसी?

दिल  क्यों दिखाता है उदासी?

मैं बार बार लाती हूँ हंसी

सहेलियां कहती हैं  तू तो फंसी

 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Comedy