भाग कहाँ तक भागेगा
भाग कहाँ तक भागेगा
हरारत बढ़ी है सरहद पर,
खौफ की अनुगुँज है !
हँस रहे हैं परिंदे वहाँ के,
लगा यह कैसा हजूम है !
खत लिखकर अस्पतालों को,
कर रहा एलर्ट जारी !
तैयार रहना मेरे अजीजों,
हम हैं यहाँ आने वाले !
छुप रहा लाड़ला मसूद,
बंकरों में अब !
कहाँ गई तेरी जांबाजी,
बोल रे अजहर.... !
सरहदों पर सेना लेकर,
फटफटा रहा है बाजवा !
टहलते हुए आऐंगे हम,
निकालने तेरी हवा !
तड़प रहा तू सरहदों पर,
हम शिलान्यास करें !
तू गाँव-गांव खाली करा,
हम यहाँ विकास करें !
सरहदों पर गश्त लगा,
खा बैठ वहाँ राशन पानी !
एल ओ सी पर बम बरसा,
कर अपने कारतूस खाली !
हम तो अभी बैठ यहाँ,
जलसे ही निकाल रहे !
थक जाएगा, कर इंतजार
तब वार करने आयेंगे !
काफिरों की मजम्मत करना,
भूल गया हाफिज सईद
मांग रहा रहमत खुदा से,
यू एनओ में लिखायेगा रपट
तश्तरी में सजाकर,
फैंक ही देना परमाणु बम
दूसरा फैंकने के लिए,
कोई पाकी कहाँ बच पायेगा !
शहीदों की चिताओं से,
लपट कुछ ऐसी निकली
धूल-धूल हो रहा अभी से,
खाक होना बाकी है !
खुश्क गला, पेट खाली,
दम की भरना तू हुंकार
कयामत तक लड़ने के,
कायम रखना अपने जज्बात
चौकस रहना, चौकस रखना,
लड़ने के तू सरंजाम
न भूलेंगे, न माफ करेंगे,
तुझे मिटाने तलक !
सुनकर भारत की दहाड़,
पतलून तेरी ढ़ीली है !
भाग, कहाँ तक भागेगा,
बोल, कहाँ तेरी बोली है ?