चुनाव आ गए
चुनाव आ गए
लो जी!भईया चुनाव आ गए
कर्तव्य अपने याद आ गए,
सभी दलों में हौड़ मची है
कुर्सी के लिए दौड़ मची है,
भारत माँ का आया विचार
शुरू हुआ हर ओर प्रचार,
चले मंत्र-तंत्र के अभियान
याद आए सबको भगवान,
छोड़ के बंगला-गाड़ी आए
सड़कों पर हैं कदम बढ़ाए,
माँगते नेता वोट गली-गली
जोड़ कर हाथ फैला झोली
पक्ष-विपक्ष में हो रहा बवाल
इक-दूजे पर उठा रहे सवाल,
लगे अपने को साबित करने
जनता के हित को लगे विचरने,
आश्वासन से सबका पेट भरते
बडे-बडे जनता से वादे करते,
दिखा रहे बन कर अच्छे इंसान
पाने को सबसे ज्यादा मतदान,
है,बड़ा अजब कुर्सी का चक्कर
कहीं नमक तो कहीं है शक्कर,
सोए नेता भी उठ कर आ गए
लो जी! भईया चुनाव आ गए ।