दोस्त और प्यार
दोस्त और प्यार
वक्त का आँचल थाम
ज़िन्दगी की राहों को जान
आगे बढ़ गयी मैं अनजान,
प्यार ने कहा पुरे करूँगा
तेरे प्यार के अरमान ,
दोस्त ने कहा दूंगा तुझे मान
तेरी कमियों को जान
रिश्तों पर हावी न होने दूंगा ये मान,
पर जब समय पड़ा आन
दोस्त ने कहा तू है अनजान
तेरी कमियां है महान,
प्यार ने दी दुहाई मेरी जान
मैं हुं मामूली इंसान
न पुरे कर सकू तेरे अरमान,
ये कैसी है दुनिया
कैसे हैं इंसान ?
माँगा था बस प्यार और मान
वो भी न दे सका इंसान l