प्रेम
प्रेम
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जीने का ढंग है
प्रेम,
खुद को जानना है
प्रेम,
एक नई सोच है
प्रेम,
एक नई दिशा है
प्रेम,
जागरण है
प्रेम,
सृजन है
प्रेम,
समझ है
प्रेम,
मित्रता है
प्रेम,
दिल का दिल से
गहरा रिश्ता है
प्रेम,
माँ की ममता है
प्रेम,
आज तो कहीं दिखता ही
नहीं प्रेम,
सिर्फ प्रेम का नाम
बिकता है।।