जीवन की उमंग
जीवन की उमंग
देखा था एक ख्वाब मेरे इन नयनों ने,
हो कोई ऐसा जिसे माने यह दिल अपना सा।
बिन बोले समझे मेरी हर बात वो,
सारा समां ठहर जाये जब साथ हो वो।
सुन ली यह दुआ मेरे रब ने जब,
भेजा एक साथी अचानक से तब।
मिल गए हम रस्ते में साथ चलते,
दिल ने चाहा बस रुक जाये यह प्यारे लम्हे।
बिताया हर सुख दुःख मिलके हमने,
जीवन की हर तरंग को उजागर किया तुमने।
कई बार हमने किये लड़ाई-झगड़े लेकिन,
रखे नहीं कभी दिल में कोई गिले शिकवे।
मेरे दोस्त, साथी और राज़दार हो तुम,
शिद्दत से जिसको चाहा था वो मक़ाम हो तुम।
ना छोड़ना कभी मेरा हाथ मेरे हमसफ़र,
बनी रहूँ में हमेशा तुम्हारी मिले जो हर अवसर।
ताज़ा रखा हमने बीस साल की इस मोहब्बत को,
बन गया जीवन साथी मेरा पहला प्यार था जो।
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