कुछ बदलाव - सा
कुछ बदलाव - सा
कुछ बदलाव - सा लगने लगा है
जो लगता है वो अलग है थोड़ा
अजीब है नया है अद्भुत है
कि नज़ारे सब बदले हुए से है
कि अब कह दूं
कि इस बदलाव की
जो महक है
वो किसी एक की है
तो गलत तो
कहीं होगा शायद
वाे जाे एक है ज़िद्दी बड़ा
उसके अपने सवालात हैं
अच्छा होकर बुरा बताने वाला वो
हर रोज़ केवल वही सवाल
मेरे पास जवाब के लिए
इकट्ठा करके छोड़ जाता है
और मैं एक ही जवाब
शब्दों के परिवर्तन से
बार - बार दे देता हूँ
कह देता हूँ
पर उसका अंदाज़ अलग है
उसका थोड़ा मिजाज़ अलग है
सबकी तरह नहीं है वो
थोड़ी - सी तो अलग है वो
सोचता हूँ कि इक दिन
ये सवालात शायद नहीं हों
ये जवाब शायद नहीं हों
मैं बस सोचता हूँ...।