Swapnil Saurav
Comedy Drama
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यादें
१५ साल के बाद...
शिद्दत
मेरी चाहत
एक हसीन मुलाक...
नए ज़माने का फ...
दोस्त की शादी...
यमराज से वार्...
चाची की बीमार...
मेरी ज़िन्दगी ...
हर कोई ये नहीं कर सकता है यदि आपके मन में भावना है तो समज लो दिन सार्थक है। दिन सार्थक है हर कोई ये नहीं कर सकता है यदि आपके मन में भावना है तो समज लो दिन सार्थक है। दिन...
एक नज़र के प्यार ने उनका जीवन बदल दिया उनके दिल की धड़कनों को एक कर दिया..! एक नज़र के प्यार ने उनका जीवन बदल दिया उनके दिल की धड़कनों को एक कर दिया..!
व्यंग जीवन के लिए जरुरी भी है और औषधि भी, इस मंच को आभार है अवसर प्रदान करने के लिए ! व्यंग जीवन के लिए जरुरी भी है और औषधि भी, इस मंच को आभार है अवसर प्रदान करने के ...
भला दो बिल्ली की लड़ाई में, कभी बन्दर की हार हुई है ? भला दो बिल्ली की लड़ाई में, कभी बन्दर की हार हुई है ?
कुछ लोग अपनी भाषा को बिलकुल भी तवज्जो नहीं देते और दूसरी भाषाओं को सीखने की कोश में ही लगे रहते हैं।... कुछ लोग अपनी भाषा को बिलकुल भी तवज्जो नहीं देते और दूसरी भाषाओं को सीखने की कोश ...
तुम्हे काटा इसलिए कहीं तुम हमको लालची, कायर की परख में उलझ न जाओ छोड़ इसलिए रहे है, नमक का फर्ज ह... तुम्हे काटा इसलिए कहीं तुम हमको लालची, कायर की परख में उलझ न जाओ छोड़ इसलिए रह...
होगी शादी उसी से जैसा हूँ मैं, जो भी, वो ही बनेगी मेरी, या मैं बनूँगा जोगी। होगी शादी उसी से जैसा हूँ मैं, जो भी, वो ही बनेगी मेरी, या मैं बनूँगा जोगी।
अपना तो बस रजाई में ही सिकुड़ने का जी चाहता है। अपना तो बस रजाई में ही सिकुड़ने का जी चाहता है।
हैरत होती है कि ; -----------साँप ! आखिर क्यों मौन हैं ? हैरत होती है कि ; -----------साँप ! आखिर क्यों मौन हैं ?
कवि सम्मेलन के एक मंच पर एक कवि कविता सुना रहे थे... कविता क्या... श्रोताओं को एकबारगी बोर कर र... कवि सम्मेलन के एक मंच पर एक कवि कविता सुना रहे थे... कविता क्या... श्रोताओं क...
हमने सोचा केवल छींक आने से ये हालत है अपना तो बीमार पड़ना ही गलत हैं...! हमने सोचा केवल छींक आने से ये हालत है अपना तो बीमार पड़ना ही गलत हैं...!
मैं तो एक 'काल्पनिक' पात्र हूँ साहब कृपया मुझे 'वास्तविक्ता' से मत जोड़ो। मैं तो एक 'काल्पनिक' पात्र हूँ साहब कृपया मुझे 'वास्तविक्ता' से मत जोड़ो।
तुम्हारे साथ ऐसे ही हँसती-गाती रहूंगी तुम्हें चिढ़ाने का मजा ही कुछ और हैं ! तुम्हारे साथ ऐसे ही हँसती-गाती रहूंगी तुम्हें चिढ़ाने का मजा ही कुछ और हैं !
करूँगा मेहनत तन-मन से। फेलियर का धब्बा मैं, मिटा दूँगा अपने फन से। करूँगा मेहनत तन-मन से। फेलियर का धब्बा मैं, मिटा दूँगा अपने फन से।
मैं करूँ तो सही, दूसरों को ग़लत ठहराता हूँ।मैं गर्व से कहता हूँ मैं भारतीय हूँ।। मैं करूँ तो सही, दूसरों को ग़लत ठहराता हूँ।मैं गर्व से कहता हूँ मैं भारतीय हूँ।।
यह फ़क्र नही यह फर्क है। यह फ़क्र नही यह फर्क है।
तीनों मीना, टीना और श्याम मिलकर खेले चिन–रिन डेरो डाम। तीनों मीना, टीना और श्याम मिलकर खेले चिन–रिन डेरो डाम।
ट्रैक्टर के बहाने मनुष्य की यांत्रिकता पर कुछ सवाल... ट्रैक्टर के बहाने मनुष्य की यांत्रिकता पर कुछ सवाल...
जिंदगी का खेल भी शतरंज की बिसाख पर है बिछा पड़ा जिंदगी का खेल भी शतरंज की बिसाख पर है बिछा पड़ा
सारे दिन घर में पड़ी पड़ी क्या करती है एक टाँका लगाने में क्या तेरी माँ मरती है तेरे आलस ने भरे ब... सारे दिन घर में पड़ी पड़ी क्या करती है एक टाँका लगाने में क्या तेरी माँ मरती है...