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Nikhil Sharma

Others

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Nikhil Sharma

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तू दस्तक दे

तू दस्तक दे

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यह ज़मीन यह आसमां, मेरा वतन मेरा कहाँ
रूठी है यह खुशियाँ, रूठा है दिल का जहाँ 
टूटे इस दिल की गुज़ारिश है 
तू दस्तक दे
तू दस्तक दे

हवाएं है रोई सी, खुशियाँ है सोयी सी 
आंसूं बहते है इस कदर, मिटटी है नाम होई सी 
इन सोई खुशियों की इबादत है 
तू दस्तक दे
तू दस्तक दे

दिल के जज़्बात झूठे हैं सभी, अपने ही अब रूठे हैं 
तस्वीर किसकी दिल में बने, दिल के आईने टूटे हैं
रूठे जज़्बातों की नुमाइश है
तू दस्तक दे
तू दस्तक दे

मेरे वतन मेरे जहाँ, ये बता तू है कहाँ 
तेरे लिए ही लुटा, मेरे दिल का जहाँ
बस इतनी नुमाइश है
तू दस्तक दे
तू दस्तक दे


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