हिम्मत
हिम्मत
कर हिम्मत और बढ़ चल...
बढ़ इस जहां से आगे निकल
हो हौसला अगर तो..
मंज़िल दूर नहीं है।
मेहनत के आगे...
कोई मजबूर नहीं है
सुख दुःख तो
ये धूप छांव हैं,
इनसे क्या घबराना।
पसीने की परवाह ना कर...
राह से अपने तू
ना मुकर ......
आगे बढ़ की
देखे ये जमाना।
कर हिम्मत और बढ़ चल..
बढ़ "वंदे" तू आगे निकल।।