मीरा
मीरा
उपवन में कलियाँ खिली
मीरा राजमहल छोड़ चली
राजमहल में न लगे चित्त,
मीरा को हो गई कृष्णा से प्रीत
राणा ज़ी ने चार पाँच चिठ्ठी भेजी
जलने लगा मीरा का कलेजा
मीरा मेरी डूबने लगी है नाव
दे दूँ तुम्हें मैं चार पाँच गाँव
मीरा तुझ पे है मुझे नाज
दे दूँ तुम्हें मैं आधा राज
मीरा तुम हो राठोङ की कुँवरी
क्यों बन गई हो तुम बावरी
समंदर में आई पानी की लहर
राणा जी ने भेजा मीरा को ज़हर।।