तुम ही हो माँ
तुम ही हो माँ
बीज उदर में पालकर
नौ महीने संभालकर
जीव तत्व में ढालकर
अपना अंश निकालकर
सारी पीड़ा को सहकर
पल-पल मुस्कुराती हो
वो केवल तुम ही हो माँ
वो केवल तुम ही हो माँ।।
दुनिया से सदा बचाकर
आँचल में सदा छुपाकर
लोरी से सदा सुलाकर
ममता को सदा लुटाकर
देकर सुंदर सपने को
नींदों से जग जाती हो
वो केवल तुम ही हो माँ
वो केवल तुम ही हो माँ।।
ख़ुशियों के दीप जलाकर
होंठों पर दुआ सजाकर
काला डिठौना लगाकर
नज़रों से उसे बचाकर
नन्हीं सी मुस्कानों पे
अपनी दुनिया पाती हो
वो केवल तुम ही हो माँ
वो केवल तुम ही हो माँ।।
हिम्मत के पंख लगाकर
धीरे से उसे चलाकर
डर का तम दूर भागकर
इक सूरज नया उगाकर
डगमग डगमग क़दमों को
सीधा चलना सिखलाती हो
वो केवल तुम ही हो माँ
वो केवल तुम ही हो माँ।।