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Usha Rani

Others

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Usha Rani

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सोच

सोच

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सोच है प्रतिबिम्ब जीवन का

मथने से मंथन होता है

कहते है विचारों का बीज

विरासत मे मिलता है

विषपान करने वाले लोग कंठ

के बजाय बुद्धि को नीला करते हैं

जहर शरीर मे हो तो फिर भी

बचाया जा सकता है

बुद्धि में ज़हर तो अस्तित्व को

हर लेता है।

लम्बी चौड़ी बातें प्रकृति सुरक्षा की

करते हैं

विष से सीचें हुए सृष्टि की इस रचना

को क्या कहते हैं

समुद्र मंथन से अमृत निकला था

मेधा शोधन से मन मानव निकले


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