इश्क़ की खुशबू
इश्क़ की खुशबू
तू अगर मुझसे ख़फ़ा हो जायेगा
कुछ न कुछ फिर हादसा हो जायेगा
इश्क़ की खुशबू कभी छुपती नही
एक दिन सबको पता हो जायेगा
यूं शिकायत का चला जो सिलसिला
दरम्यां फिर फासला हो जायेगा
हर क़दम हमराह तुम मेरे बनो
उम्र भर का वास्ता हो जायेगा
दर्द सहने की अगर क़ूवत रहे
दर्द ही फिर तो दवा हो जायेगा
जान ले कर यूं किसी इंसान की
क्या समझता है खुदा हो जायेगा ?
जब क़यामत आयेगी एक दिन यहां
जिस्म ये तेरा फ़ना हो जायेगा।