ओ मेरे पापा
ओ मेरे पापा
मैं पहले से किताबों के ढेर में दब गया हूं
मेरे इस बोझ को थोड़ा सा, तो कम करो पापा।
नाजुक है बड़े कन्धे, कहीं यह टूट ना जाए
उम्मीदों की गठरी को , ना इतना तुम भरो पापा।
डॉक्टर या इंजीनियर मैं, शायद बन नहीं पाऊं
कुछ तो कर ही लूंगा , फिक्र ना इतनी करो पापा।
किसी के जैसा मैं ना बन सकूं, मैं अपने जैसा हूं
मेरी शख्सियत को बदलने की, न ज़िद करो पापा।
आपके चिल्लाने से बहुत , मैं सहम जाता हूं
मुझे तुम प्यार से समझाओ, ना डांटा करो पापा।
मेरे पंखों में भी है जान ,मैं भी उड़ सकता हूं
मेरे हौसलों में थोड़ा, विशवास तो करो पापा।
यह दुनिया तो चमकते सूरज, के आगे झुकती है
बुरा क्या जो मैं तारा ही रहा , तुम ही कहो पापा।
टीचर मेरी कहती है, मैं बड़ा ही अच्छा गाता हूं
मेरे इस हुनर की तारीफ़, कभी तुम तो करो पापा।
मस्ती करता हूं मगर, कुछ कमी खलती है
मेरे साथ आकर तुम कभी, खेला करो पापा।
महंगे खिलौने नहीं चाहिए, तुम्हारी एवज में
बस लौटा दीजिये, पहले से, मेरे हीरो,मेरे पापा।।