पत्र
पत्र
प्यार भरा पत्र
लिखा था कभी
याद है मुझे वह
भेजा नहीं अभी
जो थी दिल की बात
जुबां पर नहीं आयी थी
दबकर रह गयी वह
इजहार ना कर पायी थी
आज भी उस बात की
रह गयी है बात अधुरी
अधुरी वह एक कहानी
कभी ना हो पायेगी पूरी
सोचता हूँ वह पत्र
सही वक्त पहुंच जाता
आज बदल जाता मौसम
प्यार ही प्यार नजर आता।