जीवन
जीवन
जीवन सहज सरिता है
हमने विचारों की लहरों से अवरोथ बनाए।
जीवन बहती हवा - सा है
जिनमें आडंबरों के हम कई चक्रवात लाए।
जीवन धूप छाँव का मधुर संगम है
हमने पेड़ कटवाकर
छाँव को अपरिचित बनाया।
जीवन शांत समुद्र है
हम कुकर्मो के कई सैलाब लाए।
तोहफ़ों का आदान - प्रदान तो होता है।
लेकिन दिलों का मेल - मिलाप नहीं होता।
एक दूसरे के गले तो लगते हैं।
लेकिन प्यार का कोई भाव नहीं होता।
हर बात औपचारिकता पर
आकर रुक जाती है।
क्योंकि दिखावे की महत्ता
सर्वोपरी हो जाती है।।