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Vikash Kumar

Romance

3  

Vikash Kumar

Romance

अग्निवर्षा

अग्निवर्षा

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263


मन सारंगी मयूर झूमता

तन मन की तपन बुझाये

कौन

इस सावन भी सूखे बरसे

आँख से बूँद सुखाये कौन


बदल गये परिवेश सुहाने

बदल गईं वो मन की कूकें

मन चित्रपट पर कपोल प्रिय के

उनसे नजर मिलाए कौन?

इस सावन भी सूखे बरसे

आँख से बूँद सुखाये कौन


दिन वो गये रातें फिर आईं

बन बादर घटा घिर आईं

उमस बढ़ीं फिर हिय

व्याकुलतम

मिलन की आस जगाये कौन?

इस सावन भी सूखे बरसे

आँख से बूँद सुखाये कौन?


छम छम बारिश की वो बूंदें

सिंधु सागर में उठती हिलोरें

तन फिर भीगे इस सावन में

मन की प्यास मिटाये कौन

इस सावन भी सूखे बरसे

आँख से बूँद सुखाये कौन?

 

बदल गईं वो बरखा बूंदें

बदल गए वो दृश्य सुहाने

हम तुम झूमे थे सावन में

गाये थे गीत मीठे से तराने

अब ये बादल अगन लागये

मेरी पीर मिटाये कौन?

इस सावन भी सूखे बरसे

आँख से बूँद सुखाये कौन?



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