अग्निवर्षा
अग्निवर्षा
मन सारंगी मयूर झूमता
तन मन की तपन बुझाये
कौन
इस सावन भी सूखे बरसे
आँख से बूँद सुखाये कौन
बदल गये परिवेश सुहाने
बदल गईं वो मन की कूकें
मन चित्रपट पर कपोल प्रिय के
उनसे नजर मिलाए कौन?
इस सावन भी सूखे बरसे
आँख से बूँद सुखाये कौन
दिन वो गये रातें फिर आईं
बन बादर घटा घिर आईं
उमस बढ़ीं फिर हिय
व्याकुलतम
मिलन की आस जगाये कौन?
इस सावन भी सूखे बरसे
आँख से बूँद सुखाये कौन?
छम छम बारिश की वो बूंदें
सिंधु सागर में उठती हिलोरें
तन फिर भीगे इस सावन में
मन की प्यास मिटाये कौन
इस सावन भी सूखे बरसे
आँख से बूँद सुखाये कौन?
बदल गईं वो बरखा बूंदें
बदल गए वो दृश्य सुहाने
हम तुम झूमे थे सावन में
गाये थे गीत मीठे से तराने
अब ये बादल अगन लागये
मेरी पीर मिटाये कौन?
इस सावन भी सूखे बरसे
आँख से बूँद सुखाये कौन?