हर लम्हा
हर लम्हा
महफ़िल सी सजी थी...
हर तरफ रौनक सी छायी थी...
हर एक चेहरा खिला हुआ था...
बस मेरे चेहरे पे उदासी छायी थी...
तू वहाँ बैठी उदास थी शायद...
और मेरे साथ मेरी तन्हाई थी...
हर लम्हा तेरे साथ का याद आ रहा था मुझे...
और आँखों मे नमी छायी थी...
कुछ लफ्ज़ आ रहे थे जुबां पे...
और हर तरफ कसमो की दुहाई थी...
तुझे कही और जाता देख दिल मे उदासी छायी थी...
तेरी आँखे भी शायद कुछ कह रही थी मुझसे...
जब तेरी विदाई थी...
मैं खड़ा निहार रहा था तुझे...
और तू अब हमारी यादों की तरह मेरे लिए परायी थी...
हर कदम तेरे साथ में चलूंगा...
तू जहाँ रुकेगी वहाँ में भी मिलूंगा...
ये ज़िन्दगी का सफर तेरे नाम से ही चलता है अब बस...
इसलिए तेरा साथ कभी छोड़ ना सकूँगा...
मैं तुझे कही दूर ले चलु...
इस जहाँ से...
हर नज़र हर चेहरे से छुपाके...
बिता दू सारा जीवन तेरे साथ कदम से कदम मिलाके...
हँसलु तेरी हर हँसी को अपना बनाके...
बस रहलू तेरी ज़ुल्फो के साये में खुदको सारे गमो से छुपाके...