कुछ दिये ज़्यादा जलाते हैं !
कुछ दिये ज़्यादा जलाते हैं !
एक जलाते है उस शौर्य के नाम
जो हिन्द रक्षा को हिमालय पे खड़ा रहा
एक जलाते हैं उसके नाम
जो दूभर परिस्थितियों में अड़ा रहा !
एक जलाते हैं उनके नाम
जो हुऐ शहीद देश की आन में
एक जलाते हैं उस माँ के नाम
जो गर्वांगित उस शहादत की शान में !
एक जलाते हैं उसके भी नाम
जो एक दिये को भी तरस रहा
एक जलाते हैं उस मासूम के नाम ..
जो बिन माँ-बाप इतने बरस रहा !
कुछ दिये उनके लिऐ भी जलाते हैं
जो तमाम उम्र अँधेरों में ज़िन्दगी बिताते है
ये दिवाली चलो कुछ अलग मानते हैं
कुछ रौशनी उनके यहाँ भी फैलाते हैं !