मोहब्बत
मोहब्बत
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मोहब्बतों के निवालों की बात ही कुछ और है
इसमें लज़्ज़त है, दुआ है, फिक्र है, ममता सारी है।
वरना तो कंक्रीट के जंगलात को देखो ग़ौर से
हर तरफ मृग मरीचिका है, खारी ही खारी है।