ज़िन्दगी को जीत पाना अब सीखा
ज़िन्दगी को जीत पाना अब सीखा
रात के अँधेरों में जलते उजाले को देख,
गम में खुशियाँ मनाना अब सीखा।
बादलों के पीछे छिपते सूरज को देख,
हारकर जीत जाना अब सीखा।
गाड़ियों के पहियों से घुटती सड़कों को देख,
दर्द में मुस्कुराना अब सीखा।
उस मासूम चिड़िया को स्वगृह निर्माण करता देख,
सपनों को मंज़िल बनाना अब सीखा।
हवा में उड़ती उस छोटी पंखुड़ी को देख,
खुशियों के पल को ज़िन्दगी बनाना अब सीखा।
आँधियों से लड़ते उस हरे पत्ते को देख,
निडर होकर मुश्किलों को हराना अब सीखा।
बच्चों से हारकर खुश होते माँ - बाप को देख,
अपनों की खुशियों को अपना बनाना अब सीखा।
जीतकर भी सारी दुनिया से जीत न पाया कोई,
ज़िन्दगी को जीत पाना अब सीखा।