Neha Yadav
Tragedy
खामोशियों को समेटे
लब कंपकंपाता रह गया
छुपाते रहे हर दर्द, तन्हाई
आंसुओं में सिमट के रह गयी।
यादों की बारि...
देशहित में
घर छोड़ जाने क...
मकाम हैं हम
मैं तुम का भे...
सच्चाई
वो पहली मुलाक...
विश्वास
संवेदनशील नार...
बहारें
आखिर क्यों लाखों परिवार न्याय से वंचित रह जाते है। आखिर क्यों लाखों परिवार न्याय से वंचित रह जाते है।
दूसरी कमला देवी "बेलदारी" करती है उसका पति भी वहीं "चिनाई" करता है। दूसरी कमला देवी "बेलदारी" करती है उसका पति भी वहीं "चिनाई" करता है।
लाड प्यार से पाला उसे, वो भारत माँ की आन पर मर मिटा बहादुर, सारे परिंदे अपने घर को लौट आए पर वो कभी ... लाड प्यार से पाला उसे, वो भारत माँ की आन पर मर मिटा बहादुर, सारे परिंदे अपने घर ...
कुछ भी करें आज़ाद है अब तो हम, अधिकार ही हैं,फर्ज़ कहाँ मानते हैं। कुछ भी करें आज़ाद है अब तो हम, अधिकार ही हैं,फर्ज़ कहाँ मानते हैं।
उसकी देह पर दो फटे पुराने कपड़े थे हाथ में एक रोटी का टुकड़ा..। उसकी देह पर दो फटे पुराने कपड़े थे हाथ में एक रोटी का टुकड़ा..।
तथा स्क्रीन पर आ गए भगत, सुभाष और अन्य वीर क्रांतिकारी। तथा स्क्रीन पर आ गए भगत, सुभाष और अन्य वीर क्रांतिकारी।
हर लम्हा एक खूबसूरत एहसास होता था, ऐसा तब होता था जब माँ के पास होता था, पर कुछ बनने की खोज मे... हर लम्हा एक खूबसूरत एहसास होता था, ऐसा तब होता था जब माँ के पास होता था, प...
हां दर्द दिल में उठता है..कैसे कह देते हो तुम फिर भी मैं पराई हूं। हां दर्द दिल में उठता है..कैसे कह देते हो तुम फिर भी मैं पराई हूं।
दूर कहीं दिख रहा था एक अस्थि पिंजर, जिस पर रह गया था बस मॉंस चिपक कर। दूर कहीं दिख रहा था एक अस्थि पिंजर, जिस पर रह गया था बस मॉंस चिपक कर।
अब स्वतंत्र है वो तो पराश्रित मैं भी नहीं इस अर्थहीन पानी का अर्थ कुछ भी नहीं। अब स्वतंत्र है वो तो पराश्रित मैं भी नहीं इस अर्थहीन पानी का अर्थ कुछ भी नहीं...
बाहर बादल जोरों पर बरस रहे हैं शायद सुबह की धूप के साथ मन से यादों के बादल भी छंट जाएंगे और उमड़ेंगे ... बाहर बादल जोरों पर बरस रहे हैं शायद सुबह की धूप के साथ मन से यादों के बादल भी छं...
सात दिनों के सात रंग में रंगी हुई इसकी प्रेम कहानी है। सात दिनों के सात रंग में रंगी हुई इसकी प्रेम कहानी है।
मेरी प्यारी गौरैया चिड़िया अब नहीं सुनाई देती उसके चिचयाने की आवाज़ हमारे साथ घरों में रह... मेरी प्यारी गौरैया चिड़िया अब नहीं सुनाई देती उसके चिचयाने की आवाज़ ह...
अपने घर का हाल देखकर,चुप रहना मत रोना अम्मा । अपने घर का हाल देखकर,चुप रहना मत रोना अम्मा ।
अब बस यादों के हवाले हम कितने समृद्ध थे, अब बस यादों के हवाले हम कितने समृद्ध थे,
जन्म लिया नारी का मैंने क्या यह मेरा अभिशाप है नर को जन्म दिया मैंने …क्या यही मेरा दुष्पाप है जन्म लिया नारी का मैंने क्या यह मेरा अभिशाप है नर को जन्म दिया मैंने …क्या यही म...
कुछ टूट रहा था, कुछ छूट रहा था, लेखन से नाता टूट रहा था। कुछ टूट रहा था, कुछ छूट रहा था, लेखन से नाता टूट रहा था।
अब शायद दुनिया बुद्धिमान हो गयी है , थोड़ी लालची और थोड़ी बेईमान हो गई है। अब शायद दुनिया बुद्धिमान हो गयी है , थोड़ी लालची और थोड़ी बेईमान हो गई है।
क्यों कहें निज हस्त खुद को, मौत मुंह में टाँगते हैं ? क्यों कहें निज हस्त खुद को, मौत मुंह में टाँगते हैं ?
चीख उठी है स्वयं वेदना, देख क्रूरता के मंजर । चीख उठी है स्वयं वेदना, देख क्रूरता के मंजर ।