वक्त
वक्त
वक्त किसी के लिये
कभी रूकता नही
बाद मे पछतावे के
कुछ रहता नही
वक्त राजा को रंक
और रंक को राजा
भी बना देता है ,
वक्त पर ईश्वर
हर किसी की
परीक्षा लेता है ,
राजा हरिश्चंद्र का
भी राजपाट सब
छिन गया था ,
बीवी बच्चे का
पेट पालना
मुश्किल हो गया था
काम के लिये कोई
मजदूरी भी नही
दे रहा था
वक्त ने अपना रूख
जो बदल दिया था ,
एक सुदामा को दखो
भगवान श्रीकृष्ण के
सखा होते हुए भी
जीवन भर भीख
माँग कर खाते थे
फिर भी खुश रहते थे ,
वक्त ने जब अपनी
सही करवट बदली
पल भर मे ही
राजा बना दिया
अपने बीवी बच्चों
को पहचानना भी
मुश्किल हो गया ,
ये है वक्त की
हेरा फेरी
वक्त को बदलने
मे कुछ भी नही
लगती देरी ।