ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
यह ज़िन्दगी क्या ज़िन्दगी
जिसमे कोई एहसास नहीं
यह ज़िन्दगी क्या ज़िन्दगी
जिसमे कोई आवाज़ नहीं
यह ज़िन्दगी एक ख्वाब है
पल भर ही मिट जाएगी
जी ले तू हर पल ज़रा
पता नहीं फिर कब आएगी...
यह ज़िन्दगी कुछ है मगर
जिसमे है कहीं जज़्बात छुपे
जो पढ़ सका वह पढ़ सका
जो न पढ़े कोई बात नहीं
कर ले अपने सारे सपने पुरे
यह मौका फिर न आएगा
जब मौत आ जाएगी
तो पल भर में सब मिट जायेगा...
दोस्त भी दुश्मन भी हूँ
प्यार दूँ तकरार भी
ख़ुशी भी दूँ और दर्द भी
शोहरत भी दूँ और अँधेराकार भी
कोशिश कर न हार मान
लड़ते रहना ही है तेरा काम
उदासी चली जाएगी उड़ के कहीं
मैं हूँ ज़िन्दगी में हूँ यहीं...
किसी मरने वाले से पूछो
एक पल की क्या कीमत होती है
जिससे सब कुछ मिला उससे भला
किसी की क्या ज़रुरत होती है
में हूँ यहाँ हर पल सही
हर पल में यह साँस है
इस सांस से जुड़ी हर ज़िन्दगी
हर ज़िन्दगी में वह बात है...
न समझो मुझे बुरा
मेरा यही तो धर्म है
ज़िन्दगी दी है तुम्हे
तो मौत भी तो आएगी
एक पल ऐसा आएगा कि
ज़िन्दगी रुक जाएगी
क्यों रो रहा है तू
क्यों दुःख मना रहा है
खुश हो ज़रा जी ले हर पल
क्योंकि ज़िन्दगी दी है तुम्हें
जो अपने आप में ही बड़ी बात है...