चाहत
चाहत
दिल तो उनका
किसी ने चुरा लिया है !
उन्ही की
चाहत मे
मन को
डुबो दिया है !
चाहत मे
श्रृंगार की ज़रूरत
नही है !
चाहत श्रृंगार से नही
दिल से
होती है !
दिल की बात भी
दिल से ही होती है !
चाहत मे ही
सादगी निखरती है !
सादगी ही जीवन की
अच्छी और सच्ची
खूबसूरती है...!