Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Abhishek Sharma

Comedy

2  

Abhishek Sharma

Comedy

अगर इंसान इंसान में इंसान नजर आता...!

अगर इंसान इंसान में इंसान नजर आता...!

2 mins
7.1K


हर सूरत में इंसान को भगवान नज़र आता,गर इंसान को इंसान में इंसान नज़र आता

पूरे जग में कभी न कोई शैतान नज़र आता, गर इंसान को इंसान में इंसान नज़र आता

 

 

खुद को ऊँचा दिखाने की जो दौड़ ना होती, जो किसी के दिल को दुखाने की होड़ ना होती

हर पत्ता चमन का प्यार ही बिखेरता, गर साज़िश ही हर रिश्तों की निचोड़ ना होती

मिलता सुकून हर एक मन को ऐ अभिषेक, गर नफरत इस प्यार की तोड़ ना होती

मंदिर मस्जिद चर्च गुरुद्वारा सारी मतलब की बातें हैं

कोई महलो में चैन से सोये, किसी की ठण्ड में कटती राते हैं

हर पन्नों में ही सबको गीता-कुरान नज़र आता, गर इंसान को इंसान में इंसान नज़र आता ।

 

 

अपने लिए तो सब जीते हैं अब, काश अपनों के लिए भी कोई जीता

मिठाईयां खुशियों की खाते हैं सब चाव से, कोई गम का कड़वा घूँट भी पीता

अपने पैरों के काँटे तो हर हाथ निकालते हैं, दर्द मिट ही जाता दुनिया से जो दूजे का जख्म कोई सिलता

साफ दिल जो होता तो बच्चों की बातो में भी ज्ञान नज़र आता, गर इंसान को इंसान में इंसान नज़र आता ।

 

 

चारो तरफ लोगों ने रिश्तों की दुकान सजाई है, मतलब के आंधी में सबने खून की नदियां बहाई है

अपने आशियानों को उजियार देना दीप से बात पुरानी हो गयी अभिषेक लोगो ने अपनों के ही मकान जलाई है

अपनों के हाथो अपनों का कटता यूँ ना मचान नज़र आता, गर इंसान को इंसान में इंसान नज़र आता ।

 

 

 

लाखों रूपये फूंक कर ये जो खुशियाँ मनाई जाती हैं, सच बात यही है की सिर्फ दुनिया को दिखाई जाती है

प्यार प्रीत सम्मान कहाँ, सत्कार की बात क्या करें, जिनसे कोई फायदा निकले वही हस्तियां बुलाई जाती हैं

एक रास्ता जग पाने का मैं तुम्हे दिखलाता हूँ, बाते हैं ये लाखों की पर तुम्हे मुफ़्त में बतलाता हूँ

सारी दुनिया एक बेईमानी सी कदमो में गिरा हुआ पाता हूँ,एक निवाला जब अपनी थाली का किसी भूखे को खिलाता हूँ

तुम भी कोशिश करके देखो एहसास तुम्हें भी मिल जायेगा, पतझड़ के मौसम में भी दिल का चमन खिल जायेगा

आगाज़ भी बेहतर होता और शुभ अंजाम नज़र आता, गर इंसान को इंसान में इंसान नज़र आता ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Comedy