'यह जो माँ होती है'
'यह जो माँ होती है'
पति की ख़ातिर बच्चों से
बच्चों की ख़ातिर पति से
जो हरदम ताने सुनती है
इसको उसको सुनती है
जो ख़ुद कुछ नहीं कहती है
बिना कहे फ़िर भी
जो सब कुछ कह जाती है
वह माँ होती है
भोर में विभोर हो
जो बिस्तर छोड़ देती है
देर रात तक खटती
जो सूरज की हिम्मत
तोड़ देती है
वह माँ होती है
घर के दरवाज़े से ही
जो किसी अनहोनी को
मोड़ देती है
ममता के हाथों
वशीभूत हो
जो दोनों मुट्ठी
खोल देती है
वह माँ होती है
श्रम के गृह-शिविर में जो
चहुँ ओर होती है
हर बच्चे की ज़ुबान पर
जो 'वन्स मोर' होती है
वह माँ होती है
जिसके आँचल की
छाया लेने
नारायण स्वयं शिशु
बन जाता है
लीलाधारी की लीला
जिसके आगे
ख़ुद छोटी पड़ जाती है
वह माँ होती है
फ़िर यह कैसी
विष बयार बहती है
माँ अगले जन्म
खुद लड़की नहीं
बनना चाहती है
हर हाल में टिकी रहती माँ
फिर यहाँ कैसे हार जाती है
यह जो माँ होती है
वह इतनी कैसे
मज़बूर हो जाती है
यह जो माँ होती है
क्या कहने भर को
माँ होती है!