यह कली है नाज़ों से पली...
यह कली है नाज़ों से पली...
देखो नाज़ुक है यह कली इसे तोड़ ना देना..
देखो नाज़ों से है पली इसे छोड़ ना देना..
हर पल मुस्कुराती, हंसती हर घड़ी..
इसे दुख ना देना, इसे कुछ ना कहना !!
देखो नाज़ुक है यह कली इसे तोड़ ना देना...
हर बात पर बात की आदत है इसे,
कुछ अधूरी-अधूरी है ज़िंदगी इसके बिन..
कभी माँ तो कभी बहू,
कभी प्यार तो कभी दोस्त..
हर ख़याल में है बड़ी,
हर दिल की है परी
देखो नाज़ुक है यह कली इसे तोड़ ना देना..
देखो नाज़ों से है पली इसे छोड़ ना देना..
हर पल मुस्कुराती, हंसती हर घड़ी,
इसे दुख ना देना, इसे कुछ ना कहना !!
कभी खुशी तो कभी गम, हर दर्द की आदत है इसे..
कभी पलकें झुकाए..
कभी खुद को छुपाए..
हर लाजवाब काम की शौकीन है यह !!
देखो नाज़ुक है यह कली इसे तोड़ ना देना..
देखो नाज़ों से है पली इसे छोड़ ना देना..
हर पल मुस्कुराती, हंसती हर घड़ी,
इसे दुख ना देना, इसे कुछ ना कहना !!
घर के कोने-कोने में बसती है ये ..
खुद को जलाकर भी रौशनी देने की आदत है इसे !!
"कभी खुद को सही, कभी खुद को ग़लत कहती,
कुछ और साहस की ज़रूरत है इसे.."
देखो नाज़ुक है यह कली इसे तोड़ ना देना..
देखो नाज़ों से है पली इसे छोड़ ना देना..
हर पल मुस्कुराती, हंसती हर घड़ी,
इसे दुख ना देना, इसे कुछ ना कहना !!