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Raja Sekhar CH V

Romance

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Raja Sekhar CH V

Romance

अप्रेषित प्रेमपत्र

अप्रेषित प्रेमपत्र

1 min
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आपका चेहरा देखा जब इन आंखों से,

आपके सपने देखने लगा इन आंखों से,

आपका सौंदर्य रूप नहीं मिटता मन से,

प्रेम-पत्र अब लिख रहा हूँ अपने हाथों से।


दिन और दिन बीतते चले गए,

सप्ताह और सप्ताह जाते गए,

महीने और महीने जो गुज़र गए,

अपने दिल की बात कह न पाए।


मेरा यह आस अब आस ही रह जाए,

मेरा प्रेमपत्र कब आप तक पहुँच जाए,

आपकी मेरी दूरी कभी भी बढ़ न जाए,

मेरा अप्रेषित प्रेमपत्र कभी तो आप देख पाएं।


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