बेलगाम दिल्ली
बेलगाम दिल्ली
रात को दिल्ली जब सुनसान हो जाती है,
कुछ दरिंदे तब सड़कों पे बेलगाम हो जाते हैं,
मासूम मजबूर लड़कियों की इज्ज़त फिर सर-ऐ-आम हो जाती है,
पुलिस की हर कोशिश फकत नाकाम रह जाती है|
हमारी सरकार जहाँ घटना की निंदा करती है,
वहीँ हमारे नेता-मंत्री मगरमछ के आंसू बहते हैं
हम फ़ेसबुक पे कुछ पोस्ट और शेयर करते हैं,
हफ्ते-10 दिन बाद सिस्टम को कोसते हुए हम सब भूल जाते हैं|
उन मासूम लड़कियों की ज़िन्दगी नरक बन जाती है,
खेलने कूदने के उम्र में वो सबसे चेहरा छुपाती है,
कुछ होंसला रखते हुए आगे बढ़ जाती हैं,
तोह कुछ इस नापाक दुनिया को अलविदा कह जाती है|