आलसी हो तुम
आलसी हो तुम
देर कर दी तुमने जल्दी-जल्दी
में काम निपटाते-निपटाते,
गलतियाँ इतनी कर दी
जल्दी-जल्दी में कि
सुधारना मुश्किल हो गया है।
सोच समझकर देखकर
धीरे-धीरे से प्यार से
काम करते तो अच्छा होता,
कोशिश करने वालों
की हार नहीं होती।
वक्त पर ना सही
देर से ही हर काम,
पूरा कर दो और कुछ
सीख ले लो अपनी
गलतियों से तो,
आइंदा गलती ना होगी
वो फिर से दोबारा।
देर करना तेरी आदत है
देर से ही सही तुम,
हर काम कर दिया करो
और आदत डाल लो,
अब तो वक्त की
कद्र करना सीख लो।
थोड़ा-सा आलसी हो
जो तुम उस आदत से,
तौबा कर लो तो जिंदगी
में कामयाबी तुमारे
कदम चूमेगी एक रोज।