बुध्द-पूर्णिमा
बुध्द-पूर्णिमा
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रोग-शोक देखी जरा, उत्सुक हो सत्यार्थ,
कर कठोर तप-साधना, बुद्ध हुए सिद्धार्थ।
बुद्ध हुए सिद्धार्थ, ज्ञान का फहरा परचम,
दिए चले उपदेश, त्याग वैराग्य व संयम।
लिया जगत ने जान, शक्ति का वास अहिंसा,
लाभान्वित संसार, हुआ पाकर यह शिक्षा।