बदहवास ब्लू व्हेल
बदहवास ब्लू व्हेल
जिस ज़िंदगी ने तकनीक को एक नई ज़िंदगी दी
वही तकनीक आज हमसे यह ज़िंदगी छीन रही।
ये तरक्कीपसंद इंसान न जाने किसे तरक्की कह रहा हैं
तमाशाई बनकर बस अपनी मौत का तमाशा देख रहा हैं।
कौन बुज़दिल नामुराद है जो ऐसा जाल फेंक रहा है
ये कैसा खेल है जो मासूम बच्चों की जान ले रहा है।
बेचारी ब्लू व्हेल को तो पता तक नहीं
कि वो इतनी ज़्यादा बदनाम हो गयी।
वर्चुअल टास्क को पूरा करने के चक्कर में
ज़िंदगी के बेहद ज़रूरी टास्क थम जाते हैं।
कोई हाथ पर ब्लेड से कट मार रहा है
तो कोई सुसाइड नोट तैयार कर रहा है।
कोई रेल के आगे आ रहा है
तो कोई फिनाइल पी रहा है।
कोई फाँसी का फंदा चूम रहा है
तो कोई नशे में धुत झूम रहा है।
कोई कलाई की नस काट रहा है
तो कोई अपना गला काट रहा है।
आज स्मार्टफोन चलाने वाले करोड़ों स्मार्ट यूज़र्स को
ऐबदार एप्स और गड़बड़ गेम्स ने ग़ुलाम बना रखा हैं।
लानत है ऐसे तकनीकीपरस्त समाज पर
जिसे डिजिटल नशे की बुरी लत लग गई।
राष्ट्रीयता का रोना रोने वालों
ज़रा इस पर भी तुम ग़ौर करो
इस ई-ग़ुलामी से आज़ादी का
अब ठोस प्रबंध कोई और करो।
जिस लाइफ ने टेक्नोलॉजी को एक न्यू लाइफ दी
वही टेक्नोलॉजी आज हमसे यह लाइफ छीन रही।।