मेरा अन्दाज़
मेरा अन्दाज़
1 min
7.4K
मेरा अन्दाज़ ही कुछ ऐसा है
मैं इजहार नहींं करता
जिनसे प्यार करता हूँ
समझते हैं प्यार नहींं करता
यही वजह है के मुझको अपना लेते हैं वो भी
जिन्हेंं कभी भी मैं दिल से स्वीकार नहीं करता
खुली किताब हूँ मैं बस तीखी नज़र चाहिऐ
मुझे समझने में भूल समझदार नहीं करता
बहुत कुछ कह जाता हूँ मैं कुछ ना कह कर भी
कम बोलता हूँ ज़रुर इससे इन्कार नहींं करता
शायर हूँ मैं शब्दों के फूल पिरोता हूँ
शब्द बाणोंं से किसी पर वार नहींं करता