आई बसंत, चहुँ ओर छाई बसंत
आई बसंत, चहुँ ओर छाई बसंत
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आई बसंत चहुँ ओर छाई बसंत,
मन को हर्षाती, दिल को लुभाती,
आई बसंत चहुँ ओर छाई बसंत।
पीत चुनर लहराई धरा पर,
फूलों में भी उल्लास लाई बसंत,
आई बसंत चहुँ ओर छाई बसंत।
नभ पर फैला तेज, सूरज की किरणों का,
वसुधा पर देखो फूटे नव अंकुर,
आई बसंत चहुँ ओर छाई बसंत।
महकी फूलों की हर तरफ सुगंध,
पतझड़ बीता, बहार लाई बसंत,
आई बसंत चहूं ओर छाई बसंत।
प्रकृति की छटा निराली,
हरी हुई है डाली-डाली,
नवजीवन का संचार करता,
ऋतुओं में न्यारा वसंत,
आई वसंत चहुँ ओर छाई बसंत।