हमने फिर गुस्ताखी कर दी
हमने फिर गुस्ताखी कर दी
हमने फिर गुस्ताखी कर दी।
बातें सीधी सादी कर दीं।।
सारी दुनिया दुश्मन बन गई।
जब गम में खुशहाली कर दी।।
अब हम पहने भी तो कैसे?
उसने अपनी खादी कर दी।।
उसने नजरें ऐसी फेरी।
हालत पानी पानी कर दी।।
'मेरे अंदर तुम जिन्दा हो!'
फिर से बात पुरानी कर दी।।