तुम्हें मेरी याद आई
तुम्हें मेरी याद आई
तुम्हें मेरी याद आयी तो होगी
देखकर तूने मुस्कुराया तो होगा
लगता था मन तेरा मेरे गीत सुनकर
मेरे प्यार की वो धुन गुनगुनाया तो होगा
नींद नहीं आती होगी मेरी तरह तुम्हें भी
ख्वाबों में आकर मैंने सताया तो होगा
आज भी मेरा दिल तेरे लिए धड़कता है
तेरा दिल भी मेरे लिए तड़पता तो होगा
जैसे बहते हैं तेरे याद में आंसू
मेरे यादों में आंसू तुमने बहाया तो होगा
जब जब तन्हाई काटती होगी तुमको
तेरे दिल को मेरी याद आयी तो होगी
वो झूठे कसमें वादे वफ़ा के
खाकर तुमने दिल को बहलाया तो होगा
दर्द देकर तुमने कवि सुनील को ज़ालिम
सितम तुमने भी खुद पर ढाया तो होगा