बेफिजुल की नादानी
बेफिजुल की नादानी
दुनिया मे अधुरे प्यार की
ये एक निशानी है
राधा से जो मोहें नंदन
मीरा उसकी दिवानी है...
प्यार की इन बरसते बूंदों मे
प्यास ना बुझी है कहीं
कभी थामलो जो मुटठी मे
तो छलकता हुआ पानी है
मतलब की एक चाह है
बेवफाई की राह है
ऐसे इश्क़ को चाहना
बेफिजुल की नादानी है...