प्रेरणा
प्रेरणा
तुम्हारा अस्तित्व,
अप्रतिम सौंदर्य,
ये झील सी आँखें...
दिलकश तबस्सुम और
एक हसीन तिल,
तुम्हारे गाल पर...!
इन से कहीं बढ़ कर,
यह उखड़ापन तुम्हारा;
यह बेरुख़ी मुझसे,
एक प्रेरणा है --
मेरे लिए!
ज़िन्दगी के लिए!!
मेरी शायरी के लिए!!!
वर्ना कौन और क्यों...
निभाता है इतना अर्सा
इक तरफ़ा सम्बन्धों को
यूँ दीवानों की तरह...!?!