Shailaja Bhattad
Drama
पुराने का साथ हो तो,
नया भी रंग लाता है।
हर उलझन को सुलझाकर,
बंधन मजबूत बनाता है।
श्री राम
भक्त वत्सल रा...
बसंत पंचमी-1
वसंत पंचमी
हरिधुन
जय श्री राम
रघुनंदन
जयसियाराम 1
राम विधाता
ज्यों बैशाख पास जाए मोरा कोमल तन झूलसाए ! ज्यों बैशाख पास जाए मोरा कोमल तन झूलसाए !
जहां सुकून के पल हो जहां सिर्फ मैं हूँ और हर पल मेरा हो... जहां सुकून के पल हो जहां सिर्फ मैं हूँ और हर पल मेरा हो...
लगता है सूरज की किरणे मेरी छत के रंगों में समा रही हैं। लगता है सूरज की किरणे मेरी छत के रंगों में समा रही हैं।
वो जो, पहली मुलाकात में, होकर भी, नहीं हुआ था। वो जो, पहली मुलाकात में, होकर भी, नहीं हुआ था।
तू अपनी कर ओ सब इन्तज़ाम वाला है, तेरी हर हाज़त पर देख हरकात उसकी है। तू अपनी कर ओ सब इन्तज़ाम वाला है, तेरी हर हाज़त पर देख हरकात उसकी है।
लाग लपेट ना होती हमसे, साज सिंगार न करना देख। लाग लपेट ना होती हमसे, साज सिंगार न करना देख।
जिसे समझाना मुश्किल होता है, बताना नामुमकिन होता है। जिसे समझाना मुश्किल होता है, बताना नामुमकिन होता है।
मायके का आँगन मेरे जन्म की किलकारी ससुराल का आँगन मेरे बच्चों की चिलकारी मायके का आँगन मेरे जन्म की किलकारी ससुराल का आँगन मेरे बच्चों की चिलकारी
बिछड़कर मेरे यारा, तू मुझे फिर से मिला नहीं बिछड़कर मेरे यारा, तू मुझे फिर से मिला नहीं
तो हम भी कभी, अच्छे इन्सान बन पाते। तो हम भी कभी, अच्छे इन्सान बन पाते।
तेरी कुदरत पे भरोसा है तू करेगा ऐसा, उनकी दरो दीवार का कुत्ता बना दे मुझको। तेरी कुदरत पे भरोसा है तू करेगा ऐसा, उनकी दरो दीवार का कुत्ता बना दे मुझको।
नर्तकी भी गवईया भी है बजैया भी विदूषक भी है भाट भी। नर्तकी भी गवईया भी है बजैया भी विदूषक भी है भाट भी।
धीरे धीरे मुलाक़ातें बढ़ना, हमारा रोज़ मिलना मिलाना। धीरे धीरे मुलाक़ातें बढ़ना, हमारा रोज़ मिलना मिलाना।
उनकी मिटाती हूं, मैं खुमारी मैं गेंद तो हूं, कर्म प्रिय नारी। उनकी मिटाती हूं, मैं खुमारी मैं गेंद तो हूं, कर्म प्रिय नारी।
चेन की नींद में सोना अच्छा लगता है सारे काम करके सोना अच्छा लगता है चेन की नींद में सोना अच्छा लगता है सारे काम करके सोना अच्छा लगता है
मेरे पास है दुनिया वालो तुम फिक्र न करो उम्मीद के रौशन दियों को बुझाता हुआ सा शख्स। मेरे पास है दुनिया वालो तुम फिक्र न करो उम्मीद के रौशन दियों को बुझाता हुआ सा...
न तो घर पर ही लगा देंगे, ठिकाने तोड़ देते, अक्सर वो, वो ही आईने न तो घर पर ही लगा देंगे, ठिकाने तोड़ देते, अक्सर वो, वो ही आईने
आज किसी और से मिलने के बाद बेहतर न रहा आज किसी और से मिलने के बाद बेहतर न रहा
उसे कलात्मक रूप में उभार लाती हैं उसे कलात्मक रूप में उभार लाती हैं
सेन जी की जयंती है, आज बैशाख कृष्ण द्वादशी तिथि सेन जी की जयंती है, आज बैशाख कृष्ण द्वादशी तिथि