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Kawaljeet Gill

Classics

0.2  

Kawaljeet Gill

Classics

मेरे नसीब में

मेरे नसीब में

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दिन गुजर रहे हैं इस इन्तजार में

तेरे बिना तेरी यादों के साथ

अच्छी हो या बुरी 

तेरी यादों पर हक हमारा है।


तेरी मेरी मेरी तेरी

प्रेम कहानी कभी शुरु हुई थी

तेरी मेरी मेरी तेरी प्रेम कहानी

जो अधूरी रह गयी तेरी मेरी।


मेरी तेरी प्रेम कहानी

वो अब कब पूरी होगी

दिन गुजर रहे हैं तेरे वादों का

पूरा होने के इन्तजार में। 


दिन गुजर जाता है

तेरे इन्तजार में और

रातें तारे गिनते गिनते।


सारी उम्र का वादा

करके साथ निभाऊंगा 

जल्दी आऊंगा वादा करके

चला गया परदेश।


मैं तो उसका राह देखती रह गयी

दिन बीते महीने बीते

बीत गए कई साल

जाने कौन सी सौतन मिल गयी

लौट के ना आया वैरी। 


ये तो वो ही जाने उसकी 

क्या है मजबूरियाँ

वादा करके भूल गया वो

छोड़ गया आँसू मेरे नसीब में।


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