ईश्वर का इन्सान
ईश्वर का इन्सान
ईश्वर के मन में एक दिन एक खूबसूरत सा खयाल आया,
उसने अपनी सबसे प्रिय रचना इन्सान को बनाया।
बहुत सी खूबियो को मिलाकर बना इन्सान,
अपनी इश रचना पर बहुत खुश था वो भगवान।
रहने के लिए इन्सान के उसने धरती बनाईं,
सारे जहाँ की खूबियां उसमें थी समाई।
बोला उस ईश्वर ने सुन ऐ मेरे प्यारे इन्सान,
तेरी है ये धरा, रखना है इसका तुझको ध्यान।
ईश्वर ने भेजे धरती पर प्यारे प्यारे इन्सान,
आकर बन गये इस धरा पर वो हिन्दू और मुसलमान ।
पुकारे सभी उस ईश्वर को लेकर अलग- अलग नाम
फिर भी उसके नाम पर मचा हुआ है क्यों कोहराम ?
क्यो इन्सान ही इन्सान का हैं दुश्मन बना हुआ ?
इस धरा पर क्यूँ है हाहाकार मचा हुआ ?
देखकर इन्सान को खुद ईश्वर भी है हैरान
भेजें थे मैंने इन्सान कैसे हो गये शैतान।