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Bhavna Thaker

Abstract

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Bhavna Thaker

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मानवता ही धर्म है

मानवता ही धर्म है

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मानवता से शुरू मानवता पर

ख़त्म इंसान की कहानी है

मानवता की मौज से 

ज़िंदगी को मिलती रवानी है !


मानवता की खूबी ही

इंसान को इंसान बनाती है

इंसानों के बाद रह जानी जो

अच्छाई वही तो उसकी निशानी है !


मानवता का अनकहा

मज़हब धर्म ही कहलाता है 

इसे धारण करने के बाद ही

सच्चे अर्थों में फैलती रौशनी है !


भाईचारा और अमन की

बातें सिर्फ़ बातों में ना रखे 

हर सम्प्रदाय की इज्ज़त करना ही

इंसानियत की ज़ुबानी है !


रब ने सिर्फ़ इंसान बनाया

ना हिन्दु ना मुस्लिम,

धर्म के ठेकेदारों की

बहुत बड़ी है चाल,


एकजुट हो जाओ सब 

ये दुकान बंद हो जानी है।


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