ग़ज़ल कहो इसे”
ग़ज़ल कहो इसे”
ग़ज़ल कहो इसे या कविता हमारी,
तुम्ही पे तुम्हीं लिखी है ए शायरी हमारी,
ख़याल आपके है बस कल्पना हमारी,
चंद मीठे लाब्जों की ए दास्ता हमारी,
ग़ज़ल कहो इसे या कविता हमारी,
तुम्हीं पे लिखी है ए शायरी हमारी,
आँखे है हमारी इन्हीं में तस्वीर तुम्हारी,
बस जिस दिल पे उतारा ओ कागज हमारी,
ग़ज़ल कहो इसे या कविता हमारी,
तुम्हीं पे लिखी है ए शायरी हमारी,
इसे गुनगुनाओ तो तकदीर हो हमारी,
महफ़िल सजाओ तो जन्नत हो प्यारी,
ग़ज़ल कहो इसे या कविता हमारी,
तुम्हीं पे लिखी है ए शायरी हमारी,