आनंद की खोज
आनंद की खोज
तुम ढूंढ रहे आनंद को
महल, मंदिर, मॉल में,
होटल, हाट-बाजार में,
भोजन, भगवा-भजन में,
एक झलक देखो इधर
है कितना आनंद,
माँ-बेटे के प्यार में।
नहीं चाहिए महल मकान,
नहीं चाहिए व्यंजन पकवान,
नहीं कुछ साजो सामान,
गर्म कपड़ों से इन्हें क्या काम,
अग्नि देव को बना साक्षी,
सड़क किनारे करते विश्राम।
चमकती दंत पंक्तियों का,
इस मासूम-सी हँसी का,
अबोध की सुंदरता का,
है नहीं कहीं जोड़-तोड़,
दिन भर मेहनत मजदूरी कर,
करते थोड़ी-सी कमाई,
लेकर अग्नि से ऊर्जा,
हृदय की करते सिखाई।
छिपा है आनंद संतोष में,
भोली-सी माँ के आगोश में,
प्यार दुलार में, हँसी-ठिठोली में;
सकारात्मक सोच में,
मन की शांति में,
स्वीकार कर सत्य को,
रात की गहन निद्रा में,
छोटी-छोटी खुशियों में,
मन के भीतर बैठे अंतर्मन में।